*ग्रामीण आजीविका व पर्यावरण संरक्षण की दिशा में जैफ-6 परियोजना बनेगी मील का पत्थर: सचिव जावलकर*

 सचिव जलागम श्री दिलीप जावलकर ने पौड़ी जनपद के दुग्गड्डा ब्लॉक में किया फील्ड भ्रमण

पौड़ी गढ़वाल, 10 अक्टूबर 2025।
उत्तराखंड में पर्यावरण संरक्षण और सतत कृषि विकास की दिशा में कार्यरत ग्रीन-एजी परियोजना राज्य के ग्रामीण इलाकों में खुशहाली की नई कहानी लिख रही है। इसी क्रम में आज जलागम प्रबंधन निदेशालय के सचिव श्री दिलीप जावलकर (IAS) ने दुग्गड्डा ब्लॉक के जमरगड्डी ग्राम में परियोजना अंतर्गत किए जा रहे कार्यों का फील्ड निरीक्षण किया और ग्रामीणों से सीधा संवाद किया।

 

यह परियोजना ग्लोबल एनवायरनमेंट फैसिलिटी (GEF) द्वारा वित्तपोषित तथा फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन (FAO) के सहयोग से राज्य में संचालित की जा रही है।

इस अवसर पर उनके साथ मुख्य विकास अधिकारी श्री गिरीश गुडवंतसंयुक्त निदेशक डॉ. ए.के. डिमरीउप वन संरक्षक श्री तरुण एस.उप निदेशक डॉ. डी.एस. रावत तथा सहायक वन संरक्षक श्री रजत कपिल उपस्थित रहे।

किसानों और समुदायों से संवाद

भ्रमण के दौरान सचिव श्री जावलकर ने किसानों व ग्रामीण समुदायों के साथ खुला संवाद किया। उन्होंने बताया कि यह परियोजना पारंपरिक जलागम दृष्टिकोण से आगे बढ़कर “लैंडस्केप एप्रोच” पर आधारित है, जिसमें कृषि, वानिकी और पर्यावरणीय उद्देश्यों का समेकन किया गया है।

परियोजना के तहत 82 ग्रामों में मानव-वन्यजीव संघर्ष में कमी, लैंटाना उन्मूलन, चैन-लिंक घेरबाड़, स्थानीय प्रजातियों के संवर्द्धन और फार्मर फील्ड स्कूलों के माध्यम से सतत कृषि को बढ़ावा दिया जा रहा है।

सचिव ने मुख्य विकास अधिकारी व खंड विकास अधिकारी श्री बी.डी. रतूड़ी को निर्देशित किया कि ग्रीन-एजी परियोजना में केंद्राभिसरण लाते हुए स्थानीय कृषक समूहों की इनपुट आवश्यकताओं एवं उत्पाद विपणन को प्राथमिकता दी जाए।

ग्रामीणों की समस्याओं पर संवेदनशील रुख

बैठक के दौरान ग्रामीणों ने सचिव को वर्षा आपदा से हुए नुकसान और भूस्खलन प्रभावित घरों की स्थिति से अवगत कराया। सचिव ने स्वयं स्थल का निरीक्षण कर आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया।
ग्रामीणों ने निर्माणाधीन पुलों के कार्य में तेजी लाने और वन विभाग द्वारा गांवों के समीप बांस रोपण न करने का भी अनुरोध किया ताकि मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम किया जा सके।

मुख्य विकास अधिकारी ने इस अवसर पर गेंदा स्वयं सहायता समूह को हल्दी एवं अदरक क्लस्टर पर सब्सिडी और CCL लिमिट की जानकारी दी। साथ ही बेडू चटनी, मशरूम उत्पादन, पीरूल ब्रिकेट और लैंटाना बायोचार से संबंधित आजीविका मॉडल पर भी चर्चा की।

परियोजना का उद्देश्य और प्रभाव

ग्रीन-एजी परियोजना का मुख्य उद्देश्य कृषि एवं वानिकी को पर्यावरण के अनुकूल बनाना, प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण, जलवायु परिवर्तन के प्रति समुदायों की अनुकूलता बढ़ाना और किसानों की आय में वृद्धि करना है।
दुग्गड्डा ब्लॉक में इस परियोजना से अब तक अनेक किसान लाभान्वित हुए हैं — जहां खेतों में जल संरक्षण संरचनाएँ, मिट्टी सुधार तकनीकें और नवीन कृषि नवाचारों से उत्पादन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

यह पहल न केवल प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण की दिशा में एक सशक्त कदम है, बल्कि ग्रामीण आत्मनिर्भरता और सतत आजीविका की दिशा में उत्तराखंड को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाली योजना साबित हो रही है।

 

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